बहारे महेफिल की जामभरी शायरी | Part-02 | by शायरी का खजाना
Image-jakhm tanhai men fulo se |
जख्म तन्हाई में फूलो से महकते रहे,
हम उनकी खुश्बू में जीते मरते रहे,
उसने भुला दिया सब कस्मो के बावजुद,
मगर हम अकसर उन्हें याद करते रहे ||
ऐ मेरी जाने वफा, जाने गजल, जाने जिगर,
आज SMS आया तेरा तो मिली तेरी खबर,
तूने लिखा है की दिल मेरे बिन लगता नही,
बगैर मेरे सुना हो गया तेरा घर और नगर ||
- बहारे महेफिल की जामभरि शायरी Part-01
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दूर दुनिया सा नया आशियाना बनाना हैं,
महोब्बत के कदमों पर जहा को झुकाना हैं,
जीना हैं तो सर उठाकर जिओ सनम,
प्यार का दुश्मन तो जमाना सदा से है ||
तुम तो उसी दिन से भा गये हो मुजको,
मैंने देखा था तुम्हें जब पहेले-पहेले,
आज तक भुला नही दिल पहेला दीदार,
आज भी लगते हो तुम जैसे थे पहेले-पहेले ||
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